A prominent Art of Living faculty trained by His Holiness Sri Sri Ravi Shankarji, belongs to affluent & well-known family in Dahod city, Gujarat. He had completed his B.E. Mechanical from M.S.University of Vadodara & had a successful career before devoting himself to teaching these programs. In the year 1996 Anand ji was sent forcefully in the Part-1 course (Happiness Program) by his father. As an intellectual person he never believed in such spiritual programs but during those six days he experienced a big transformation in his outlook towards life. He was inspired by Guruji and the Art of Living Courses and encouraged by his deep desire to serve the humanity, he became a Art of Living teacher. He has traveled India & abroad, and taught the Art of Living Courses to thousands of students since 1997. Now, Anand ji is one of the key senior faculty and speaker with the international Art of Living Foundation. In addition to teaching the Art of Living Courses, Anandji has also developed many new centers & lead many service projects & activities in India.
His wife Smt. Nimisha Desai has done B.Sc., B.Ed. is also a Art of Living faculty teaching Happiness Program (Part-1), Advanced Meditation Course (Part-2) & Sahaj Samadhi Meditation etc. and his daughter Bhakti has done M.Tech. in Cyber security and she is working as an deputy manager in multinational professional services network ("Big Four") organization. An inspiration for many & along with his teaching responsibilities he is a successful family man. Anand ji loves singing & reading books.
परम पूज्य श्री श्री रवि शंकरजी द्वारा प्रशिक्षित एक प्रमुख आर्ट ऑफ लिविंग शिक्षक है, जो दाहोद शहर, गुजरात में समृद्ध और प्रसिद्ध परिवार के अंतर्गत आते है। उन्होंने एम. एस. विश्वविद्यालय वडोदरा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की, इन कार्यक्रमों को पढ़ाने के लिए खुद को समर्पित करने से पहले वह एक सफल व्यवसाय में थे। वर्ष 1996 में आनंद जी को उनके पिता द्वारा भाग -1 कोर्स (हैप्पीनेस प्रोग्राम) में जबरदस्ती भेजा गया था। एक बौद्धिक व्यक्ति के रूप में वह इस तरह के आध्यात्मिक कार्यक्रमों में कभी विश्वास नहीं करते थे, लेकिन उन्होंने छह दिनों के दौरान जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण में एक बड़ा परिवर्तन का अनुभव किया। उन्हें गुरुजी और आर्ट ऑफ लिविंग कोर्स ने गहरी मानवता की सेवा करने की इच्छा को प्रोत्साहित किया, वे आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षिक बन गए। उन्होंने भारत और विदेश में कई यात्राएं की है, और 1997 के बाद से हजारों छात्रों को आर्ट ऑफ लिविंग के कोर्स सीखए है । आनंद जी अंतरराष्ट्रीय आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के वरिष्ठ शिक्षक और स्पीकरों में से एक है। आर्ट ऑफ लिविंग कोर्स में शिक्षण के अलावा, आनंद जी ने कई नए केंद्रों को विकसित किया और भारत में कई सेवा परियोजनाओं और गतिविधियों का नेतृत्व किया है।
उनकी पत्नी श्रीमती निमिषा देसाई, B.Sc., B.Ed. है और वह भी आर्ट ऑफ लिविंग में हैप्पीनेस प्रोग्राम (भाग -1), एडवांस मैडिटेशन कोर्स (भाग -2) और सहज समाधि मेडिटेशन आदि कि शिक्षिका है। उनकी बेटी भक्ति, साइबर सुरक्षा में एम. टेक. (M.Tech.) है और वह प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय पेशेवर सेवा नेटवर्क ("Big Four") संगठन में उप प्रबंधक के रूप में काम कर रही हैं। कई के लिए एक प्रेरणा और शिक्षण जिम्मेदारियों के साथ-साथ वह एक सफल पारिवारिक व्यक्ति है। आनंद जी गायन और किताबें पढ़ने में रुचि रखते हैं।